
चीन के राजदूत शू फेइहोंग (Xu Feihong) ने अमेरिका पर जमकर निशाना साधते हुए कहा कि अमेरिका, जो वर्षों तक मुक्त व्यापार (Free Trade) से फायदे लेता रहा है, अब टैरिफ को एक हथियार की तरह इस्तेमाल कर रहा है।
अमेरिका की नीति पर चीन का विरोध
गुरुवार को नई दिल्ली में थिंक टैंक रिसर्च फाउंडेशन और सेंटर फॉर ग्लोबल इंडिया इनसाइट्स के एक इवेंट में बोलते हुए शू फेइहोंग ने कहा:
“अमेरिका ने भारत पर 50% तक टैरिफ लगाया है और इसे और बढ़ाने की धमकी दी है। चीन इसका कड़ा विरोध करता है। ऐसे कदमों के सामने चुप रहना दबंगई को बढ़ावा देता है।”
भारत-चीन: एशिया के डबल इंजन
उन्होंने भारत और चीन को एशिया की ग्रोथ के डबल इंजन बताते हुए कहा कि इन दोनों देशों की दोस्ती न सिर्फ एशिया, बल्कि पूरी दुनिया के लिए फायदेमंद हो सकती है।
“भारत और चीन मिलकर बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली (Multilateral Trade System) की रक्षा कर सकते हैं।”
वैश्विक स्थिरता में भारत-चीन की भूमिका
राजदूत ने यह भी कहा कि ग्लोबल स्टेबिलिटी बनाए रखने के लिए भारत और चीन का साथ आना जरूरी है। उन्होंने दोनों देशों से रणनीतिक विश्वास बढ़ाने और अविश्वास से बचने की अपील की।

रणनीतिक विश्वास पर ज़ोर
“भारत और चीन की जिम्मेदारी है कि वे समान और व्यवस्थित बहुध्रुवीय विश्व (Multipolar World) को आगे बढ़ाएं।”
मोदी-वांग यी की मुलाकात
गौरतलब है कि यह बयान उस समय आया है जब दो दिन पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीनी विदेश मंत्री वांग यी (Wang Yi) से दिल्ली में मुलाकात की थी। इस मुलाकात को द्विपक्षीय संबंधों में नई शुरुआत के तौर पर देखा जा रहा है।
चीन का अमेरिका को खुला संदेश है – “भारत को टारगेट करना बंद करें।” और भारत को एक रणनीतिक मित्र के रूप में देखा जा रहा है। आने वाले समय में भारत-चीन का यह सहयोग ग्लोबल इकोनॉमिक बैलेंस को प्रभावित कर सकता है।
भैया-बाबा मंत्री की कुर्सी पर! यूपी में “सैफईकरण” का भाजपाकरण?
